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  • उसका कुशाग्र
  • Mar 9
  • 1 min read

वक्त का न जाने कैसा सितम हो रहा है,

किताबों और विद्वानों से उबन हो रही है।

क्यों सुनें हम किसी की कहा और कहाँ से उन्हें विद्वता प्राप्त हो रही है,

वो जो उन्होंने देखा ही नहीं वो सब उनमें ही कैसे व्याप्त हो रही है।

 
 
 

Kashi, Uttar Pradesh

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